Wednesday, November 30, 2016

कुछ खमियाँ पाली थी हमने,
के ये कारण बने किसी पे निर्भर होने कि...
कुछ बुराईया अपनायि थी हमनें,
के कोई वजह बने ये छुडाने कि....

Perfection तोह हमारे खुन में है,
 बस इन्तेझार में थे कोई गलतीया हमारी बताने कि...
मजबूत तोह हम थे ही, बस टूट गये थे,
के कोई जगह बने सहारे कि...

खफा तोह हम किसी से ना थे,
बस ख़ुशी देनीं थी हमे मनाने कि...
कोई हमारी कदर करें,
यही तमन्ना थी रुस्वाइयोंकी...

बस अब समझ गये, अगर स्वछ है हम मनसे,
तोह जरूरत नही है दाग लगाने कीं,
खुद ही पूर्ण है जिने में तोह,
ना जरूरत है किसी के सहारे कि....